ये कविता हर इंसान के लिए है, महज़ लड़कियों के लिए नहीं, हर उस इंसान के लिए, जो सांस ले रहा है, जी रहा ... ये कविता हर इंसान के लिए है, महज़ लड़कियों के लिए नहीं, हर उस इंसान के लिए, जो सां...
कुटिया लगे संसार ये, तुम राजमहल हो हाँ माँ तुम कितनी कुशल हो। कुटिया लगे संसार ये, तुम राजमहल हो हाँ माँ तुम कितनी कुशल हो।
तुम प्रेम के बिछौने, तुम नेह की हो चादर तुम छड़ी समीक्षा की,अनुशासन का हो दफ्तर तुम प्रेम के बिछौने, तुम नेह की हो चादर तुम छड़ी समीक्षा की,अनुशासन का हो दफ्तर
तो इसे लिख भी लेता हूँ, तुम पढ़ कर बताना, के मैं कैसा लिखता हूँ। तो इसे लिख भी लेता हूँ, तुम पढ़ कर बताना, के मैं कैसा लिखता हूँ।
कहीं हम कहीं खो न जाए हमेशा के लिए। कहीं हम कहीं खो न जाए हमेशा के लिए।
तुम गर्म चाय की प्याली हो तुम्हारी मुस्कान निराली हो। तुम क्या हो मेरे लिए इस बेस तुम गर्म चाय की प्याली हो तुम्हारी मुस्कान निराली हो। तुम क्या हो मेरे लिए ...